जीवन में सुगंध का महत्व भी कम नहीं है। जिस प्रकार सात्विक अन्न से शरीर पुष्ट होता है ठीक उसी प्रकार सुगंध से मानसिक और भावनाआंे पर सकारात्मक असर पड़ता है। जिससे शारीरिक रूप से भी हल्कापन महसूस होता है। सोच और परिणामों में भी परिवर्तन आता है अर्थात् सुगंध विचार की क्षमता पर असर डालती है। यह अपनी भावनाओं को बदलने की क्षमता रखती है। इससे शरीर के रोग नष्ट होने में भी मदद मिलती हैं। सुगंध से स्त्रायु तंत्र और डिप्रेशन जैसी बीमारियों को दूर कर एकाग्रता भी बढ़ती है।
इसके लिए चंदन की सुगंध का उपयोग करें। विद्यार्थियों और अविवाहितों को अधिकतर चंदन का उपयोग करना उत्तम है। कार्यस्थल, ध्यान व पूजा स्थल पर चंदन या गुग्गल की सुगंध का उपयोग किया जा सकता है। चंदन, गुलाब, रातरानी व मोगरे की सुगंध मानसिक शांति और स्वास्थ्य वर्धक होती है। मोगरे और चंदन की सुगंध से माइग्रेन व अन्य प्रकार के सिरदर्द तक ठीक होते हैं।
प्रतिदिन या आवश्यकतानुसार तथा संध्यावंदन के समय कंडे पर अजवाईन कर्पूर जलाने से वास्तु, पितृ, विघ्नबाधाओं तथा अन्य कई प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलती है। कर्पूर, अजवाईन के साथ लोभान व गुग्गल का उपयोग भी किया जा सकता है। अजवाईन की धूनी तो हर शुभ-अशुभ अवसरों पर दी जाती है। यहां तक कि डिलेवरी के उपरांत उपचार के रूप में भी अजवाईन की धूनी व उबले हुए अजवाईन का जलपान किया जाता है। यह एक आयुर्वेदिक उपचार भी है । सहजयोग में भी इसका परिवार घरों में, केन्द्रों पर तथा सहज गतिविधियों के स्थलों पर अजवाईन कर्पूर की धूनी का पर्याप्त प्रयोग किया जाता है।
गुगल की सुगंध जहां आपके मस्तिष्क का दर्द और उससे संबंधित रोगों का नाश होगा वहीं इसे दिल के दर्द में भी लाभदायक माना गया है। कुछ लोग इसकी जगह लोभान का उपयोग करते हैं। हालाकि रातरानी के इत्र में स्नान करने या इसकी सुगंध सुगने से भी मस्तिष्क का दर्द चला जाता है। सिर पर चंदन का तिलक लगाने से शांति मिलती हैं। चंदन व मोगरे का इत्र नाभि मंे लगाने से माइग्रेन या सामान्य सिरदर्द दूर हो जाता है।
गुलाब का इत्र लगाने से देह के संताप मिट जाते हैं। गुलाब का इत्र मन को प्रसन्नता देता है। गुलाब का तेल मस्तिष्क को ठंडा रखता है और गुलाब जल का प्रयोग उबटनोें और फेस पैक में किया जा सकता है। गुलाब जल से आंखों को धोने से आंखों की जलन एवं बीमारी में राहत मिलती है। गुलाब का गुलकंद खाने से शरीर के भीतर की गर्मी छट जाती है और यह कई बीमारियों को शांत करता है।
सुबह रातरानी के सुगंधित जल से स्नान कर लें। दिनभर बदन में ताजगी का एहसास रहेगा व पसीने की दुर्गंध से भी छुटकारा मिलेगा। रातरानी की सुगंध से सभी तरह की चिंता, भय, घबराहट आदि सभी मिट जाती है। सुगंध में इसे सर्वश्रेष्ठ माना जाता है लेकिन लोग इसे अपने घर आंगन में इसलिए नहीं लगाते हैं क्योंकि यह सांप को आकर्षित करती है इसलिए बहुत कम लोग इसके पौधे लगाते हैं और वह भी घर से कुछ दूर सुरक्षित स्थान पर लगाकर इसकी सुगंध का आनंद लेते हैं। हालांकि इसका इत्र भी बाजार में मिलता हैं जिसका उपयोग किया जा सकता है।